कक्षा ग्यारह एवं डिप्लोमा इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा अलीगढ़ सहित देश के 8 शहरों में सम्पन्न
अलीगढ़, 26 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कक्षा ग्यारह (विज्ञान एवं डिप्लोमा इंजीनियरिंग) तथा कक्षा ग्यारह (वाणिज्य और कला एवं मानविकी) में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आज एएमयू सहित देश भर के 8 शहरों में 53 केंद्रों पर आयोजित की गई।
कक्षा ग्यारह (विज्ञान/डिप्लोमा इंजीनियरिंग) में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले 18778 उम्मीदवारों में से 15415 आवेदक आज प्रातः 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए, जबकि 5506 उम्मीदवारों ने ग्यारहवीं कक्षा (वाणिज्य और कला एवं मानविकी) में प्रवेश के लिए आवेदन किया था जिसके लिए दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई।
यह परीक्षाएं बरेली, लखनऊ, पटना, श्रीनगर, कोलकाता, मेरठ, किशनगंज और अलीगढ़ में बने परीक्षा केन्द्रों पर कोविड प्रोटोकाल के पालन के साथ आयोजित की गयीं।
एएमयू कुलपति, प्रोफेसर तारिक मंसूर ने अमुवि प्राक्टर प्रोफेसर एम वसीम अली, डिप्टी प्राक्टर और अन्य अधिकारियों के साथ विश्वविद्यालय परिसर तथा अन्य स्थानीय स्कूलों में बने परीक्षा केंद्रों का दौरा किया।
वरिष्ठ शिक्षकों को अलीगढ़ तथा बाहर के केंद्रों पर पर्यवेक्षक के रूप में आब्ज़र्बर के रूप में नियुक्त किया गया था।
परीक्षा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए जिला प्रशासन ने सभी आवश्यक सहायता प्रदान की। इस के अतिरिक्त एनएसएस स्वयंसेवियों और कर्मचारियों ने उम्मीदवारों और उनके माता-पिता को आवश्यक सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए विभिन्न स्थानों पर सहायता शिविर लगाये।
वहीं दूसरी तरफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में आए हुए छात्र छात्राओं के पेरेंट्स से बात की गई उनसे पूछा गया कि आप अपने बच्चों को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में क्यों पढ़ाना चाहते हैं उन्होंने जवाब दिया यहां का कल्चर यहां की तहजीब पूरी दुनिया में जानी जाती है और हम चाहते हैं यहां हमारे बच्चे पढ़े और सर सैयद अहमद खान के विजन को और उनके मिशन को आगे बढ़ाएं सर सैयद अहमद खान जिस तरह से समाज में लोगों के लिए काम किया उसी तरह हमारे बच्चे भी पढ़ लिखकर सामाज की सेवा करें.
एक अभिभावक ने यहां तक कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के बारे में दिल्ली में बैठे कुछ मीडिया चैनल कुछ भी दिखाए पर यहां पर अगर हकीकत देखनी है तो कोई आए और देखे यहां तहजीब हर कदम कदम देखने को मिलेगा और हमारे बच्चे तहजीब सीखें अनुशासन सीखें इसके लिए सर सैयद अहमद खान द्वारा बनाई गई अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से बेहतर कुछ भी नहीं।
वहीं दूसरी तरफ छात्र-छात्राएं जब पेपर खत्म होने के बाद बाहर निकले तो सवाल किया गया कि सवाल जवाब कितना मुश्किल है तो उन्होंने जवाब दिया एएमयू एंट्रेंस एग्जाम मैं शिरकत करना ही सौभाग्य की बात है और रही बात तो सवाल ठीक-ठाक थी बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं और बहुत ज्यादा आसान भी नहीं मतलब कुछ छात्रों ने यह कहा कि पेपर हमारे ठीक-ठाक हुए हैं और उम्मीद करते हैं मेरा भी नाम आए।
वही एएमयू छात्र द्वारा कैंपस के आसपास जगह-जगह शिविर लगाए गए थे ताकि दूरदराज से आए गए छात्र छात्राओं को किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े और उनकी किसी भी समस्या का वक्त रहते निपटारा किया जा सके शिविर लगाए हुए छात्र ने कहा कि हमारा मकसद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में आए हुए अभिभावक और उनके बच्चों का हर तरह की मुमकिन मदद करना है और जमीनी हकीकत एएमयू की यही है जिसे मैं उम्मीद करता हूं कि मीडिया भी इस तरह की खिदमत को दिखाएं ताकि समाज में एक बेहतर मैसेज जाए।