Amu News अलीगढ़, 7 मार्चः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मूसा डाकरी संग्रहालय में शाहजहानाबादः शहर और स्मारक विषय पर एक आकर्षक फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
प्रदर्शनी में शाहजहानाबाद किले की लगभग सभी शाही इमारतों की तस्वीरें प्रदर्शित की गई हैं, जिन्हें आज लाल किला के नाम से जाना जाता है, जिसका निर्माण 1639-48 के बीच पूरा हुआ, जिनमें अकबराबादी गेट (दिल्ली दरवाजा), लाहौरी दरवाजा, कवर्ड बाजार, नक्कारखाना/जिलौखाना (फोरकोर्ट/ड्रम रूम), सार्वजनिक दर्शक हॉल (दौलात-खाना-ए-खासो आम), या दीवाने आम, इम्तियाज महल/रंग महल, मुमताज महल आरामगाह, निजी दर्शक हॉल, हम्माम, शाही बुर्ज, मोती मस्जिद, हयातबख्श गार्डन के अलावा, शालीमार बाग की भी दुर्लभ तस्वीरें शामिल हैं।
प्रदर्शनी में 1650 में पूरी हुई फतेहपुरी मस्जिद की तस्वीरों के अलावा, जामा मस्जिद और ईदगाह भी दर्शकों के लिए अपने विविध रंगों में प्रदर्शित हैं।
मूसा डाकरी संग्रहालय की समन्वयक और इतिहास विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर गुलफिशां खान ने कहा कि यह तस्वीरें भारत के वास्तुकार-सम्राट शाहजहाँ द्वारा बनवाए गए सत्रहवीं शताब्दी के स्मारकों की सजावट की नाजुक तकनीकों और अन्य वास्तुशिल्प विवरणों पर ध्यान केंद्रित करती हैं। जमीनी योजनाएं मानचित्रकार फैज हबीब द्वारा तैयार की गई हैं।
प्रोफेसर खान ने कहा कि प्रदर्शनी के बारे में ध्यान देने योग्य पहलू यह है कि इसमें आधिकारिक इतिहासकार शेख मुहम्मद वारिस द्वारा 1648-1657 में पादशाह-नामा में वर्णित स्थानों और स्मारकों की तस्वीरें शामिल हैं।