नव नियुक्त वाइस चांसलर (VC) प्रो. सुधीर कुमार जैन ने अपने फेसबुक एकाउंट पर प्रतिक्रिया जाहिर की है।
प्रो. जैन ने कहा है कि अब समय है कि दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की लिस्ट में बीएचयू का नाम ऊपर आ सके।
इसके लिए सबसे पहले आने वाले सप्ताह और महीनों में यहां के संस्थानों, संकायों और विभागों की चुनौतियों को समझेंगे। इसके बाद उसका निवारण कर तेजी से काम किया जाएगा।
BHU के पूर्व छात्रों से संपर्क बढ़ाकर विश्वविद्यालय में पठन-पाठन और रिसर्च को लेकर योगदान किया जाएगा। इस विश्वविद्यालय की ताकत सामूहिकता है।
इसी के बल पर नई ऊंचाईयां फतह की जाएंगी। NIRF 2021 रैंकिंग में BHU तीसरे स्थान पर है और देश में एमिनेंट इंस्टीट्यूट के रूप में मान्यता भी मिली है।
एक महान विरासत वाले विश्वविद्यालय की कमान मिलना अपने-आप में बहुत गर्व करने वाला पल है।
महामना के विचारों से प्रेरित होकर लोगों ने इस विश्वविद्यालय को एक सदी से भी अधिक समय तक पठन-पाठन और शोध को निरंतर चलाए रखा है।
मुझे भी यहां पर कायाकल्प करने का अवसर मिला है, जिसे पाकर मैं अभिभूत हूं।
यहां के लोगों ने BHU को पहुंचाया बुलंदियों पर
प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि महामना द्वारा स्थापित BHU जैसे विहंगम विश्वविद्यालय में कुलपति बनकर बहुत सम्मानित और गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।
मैं 100 साल से भी अधिक पुराने इस ऐतिहासिक संस्थान के निरंतर विकास में योगदान देने के लिए तैयार हूं।
यहां के पूर्व छात्रों ने कला, साहित्य, प्रशासन, राजनीतिज्ञ, शिक्षाविद, कानून, इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसे विविध क्षेत्रों में अपने आप को बुलंदियों पर पहुंचाया है।
यह भारत के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालयों में से एक है। वहीं, एकेडमिक तौर पर इसका स्वरूप सबसे अलग और विहंगम है।
प्रो. जैन ने IIT-गांधीनगर को दिए 12 साल के कार्यकाल का भी जिक्र किया। कहा कि यहां पर काम करने का जो अवसर मिला उसका जीवन भर आभारी रहूंगा।