17 अक्टूबर 2024 के पूर्व ही सर सैयद अहमद खान जी को भारत रत्न घोषित कर सम्मानित करें केंद्र सरकार.
आप बहुत ही अच्छे तरीके से जानते हैं कि सर सैय्यद अहमद खां जी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (mini india) जैसे शैक्षिक संस्थान की स्थापना कर भारत में शिक्षा के स्तर को ऊंचाई तक पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
तथा आप ने अपने एक संबोधन में सर सैय्यद अहमद खां जी के इस योगदान को सराहते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कैम्पस को ” मिनी इण्डिया” भी कह चुके हैं.
पूरी दुनिया में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र 17 अक्टूबर को ” सर सय्यद डे” (Sir Syed Day) के नाम से उनके जन्म दिवस का जश्न मनाते हैं, इसलिए इस दिन को सर सय्यद अहमद खां को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा करने से उनके योगदान के प्रति एक उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी।
क्योंकि दिल्ली में जन्में सर सय्यद अहमद को दिल्ली की किसी भी हुकमत ने आज तक भारत रत्न के काबिल न समझा गया। आधुनिक शिक्षा के जिस रत्न को विदेशी अंग्रेजों ने सर कहकर सम्मानित कर गये।
लेकिन आज अपनी दिल्ली की संसद 18 वीं सदी के दिल्ली के लाल आधुनिक शिक्षा के सितारे को “भारत रत्न” नहीं कह पा रही,
अतः अलीगढ़ इंसाफ मोर्चा जनहित व देश हित में आपसे मांग करते हैं कि सर सय्यद अहमद खान जी को भारत रत्न घोषित कर सम्मानित करने की कृपा करें ,आशा है कि इस महत्वपूर्ण निवेदन पर शीघ्र ही संज्ञान लेंगे!
इस मौके पर सैयद राशिद अली जी,डॉक्टर जुल्फिकार खान, रामगोपाल, सागर सिंह, मुक्तादिर खान, अब्दुल मजीद, खालिद मोहम्मद, इसरार उल हक, जमशेद खान, विक्की चौहान, संतराम, हैदर अली, आजम खान, दर्जनों साथी मौजूद रहे.
बीते कुछ सालों में और भी मुख्तलिफ राय लोगों की आई है कि केंद्र सरकार को खुद समझना चाहिए कि जहां सर सैयद अहमद खान और उनकी मुस्लिम यूनिवर्सिटी को मिनी इंडिया का खिताब दिया जाता है और वहीं कुछ लोग यह भी मानते हैं कि भारत के आजादी में स्वतंत्रता में बड़ा योगदान दिया है। और वहीं दूसरी तरफ महात्मा गांधी को जहां उसे दौरान कई विश्वविद्यालय से अंग्रेज की चापलूसी की वजह से भगा दिया गया था देश के करमचंद गांधी को महात्मा गांधी बनाने में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का अहम योगदान है अलीगढ़ की मस्जिद के मेंबर पर बैठकर देश के लोगों को किताब करने का मौका दिया और यह सब हो पाया है क्योंकि शिक्षा और मॉडर्न टेक्नोलॉजी और राजनीति के प्रतीक सर सैयद अहमद खान और इसीलिए महात्मा गांधी ने शिक्षा का मैसेंजर भी कहा था। ऐसे में सोचना चाहिए केंद्र सरकार को की क्या भारत रत्न के लिए और किस तरह का पोर्टफोलियो चाहिए हालांकि कुछ लोग कहते हैं कि केंद्र सरकार खुद तय करें हमारे मांग करने से अगर मिलता है तो क्या ही फर्क रह जाएगा औरों में और अलीग बिरादरियों में, लेकिन फिर भी amu mini india से मोहब्बत करने वाले एक नहीं है कई देश-विदेश राज्यों में है उनकी मांग है कि भारत रत्न मिलना चाहिए आपको क्या लगता है कमेंट में बताएं आप अपनी राय भी दे सकते हैं।
Podcast with Gem of Aligarh Muslim University :