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मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ अब मुंबई के किला कोर्ट ने अरेस्ट के लिए वारंट जारी किया है। यह गैर जमानती वारंट दो दिन पहले ठाणे कोर्ट में किया गया था
मुंबई क्राइम ब्रांच की अर्जी पर कार्रवाई करते हुए मुंबई के किला कोर्ट ने यह गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। परमबीर सिंह इस साल मई से लापता हैं।
महाराष्ट्र के अपराध जांच विभाग (CID) ने सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने की मांग करते हुए कहा था कि उन्होंने पुलिस की छवि खराब की है।
मामले की पूरी जानकारी
यह केस महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े 100 करोड़ रुपये की वसूली के मामले से जुड़ा है। इस मामले में आयोग परमबीर सिंह के बयान दर्ज करने व गवाही के लिए उन्हें कई बार समन भेज चुका है, लेकिन इससे बावजूद वह आयोग के सामने पेश नहीं हुए हैं।
परमबीर सिंह के खिलाफ यह तीसरा गैरजमानती वारंट है। इससे पहले भी अदालतों ने मुंबई के गोरेगांव और पड़ोसी ठाणे जिले में दर्ज रंगदारी के दो अन्य मामलों में गैरजमानती वारंट जारी किए हैं।
इन दोनों को रीयल एस्टेट कारोबारी श्यामसुंदर अग्रवाल की रिपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया है। अग्रवाल ने इसी साल 22 जुलाई को मरीन ड्राइव थाने में परमबीर सिंह दो अन्य पुलिस अधिकारियों द्वारा वसूली को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी। अदालत के सामने पेश करने के बाद दोनों को सात दिन की सीआईडी हिरासत में भेज दिया गया था।
एंटीलिया मामले में छीना गया था मुंबई पुलिस प्रमुख का पद
मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के पास विस्फोटकों वाली एसयूवी मिलने के मामले में मुंबई पुलिस के अधिकारी (एपीआई) सचिन वाजे को गिरफ्तार किए जाने के बाद परमबीर सिंह को भी मुंबई पुलिस प्रमुख के पद से हटा दिया गया था।
परमबीर सिंह ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए थे कई गंभीर आरोप
गृह मंत्री अनिल देशमुख पर वसूली का गंभीर आरोप लगाते कि देशमुख ने सचिन वाजे को मुंबई के होटलों और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये लेने के लिए कहा था। हालांकि इस आरोप से देशमुख ने इनकार किया है।
अधिकारियों के मुताबिक, परमबीर सिंह को भगोड़ा घोषित करने की कानूनी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। NIA और महाराष्ट्र राज्य की जांच एजेंसियों को शक है कि गिरफ़्तारी के डर से परमबीर सिंह देश छोड़कर चले गए हैं।
By:Tanwi Mishra