यूपी विधानसभा 2022 के आगमन होते हैं हर बार की तरह इस बार भी चारों तरफ से कांग्रेस गिरती हुई दिखाई दे रही है हालांकि कांग्रेस को 2014 से केंद्र की सत्ता से दूरी हुई है।
रायबरेली सीट से पांच बार विधायक रहे अखिलेश सिंह की बेटी विधायक अदिति सिंह को क्या प्रियंका गांधी के दिए गए भाषण महिलाओं के सशक्तिकरण पर भरोसा नहीं है।
अखिलेश सिंह गांधी परिवार के बहुत करीब थे और यूपी मैं भी उनका काफी राजनीतिक रसूख है।
2019 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आदित्य सिंह की औपचारिक मुलाकात के बाद कांग्रेस से उनके रिश्ते खराब चल रहे थे जिसके चलते कांग्रेस में उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष से अपने ही विधायक आदित्य सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के रूप में देखते हुए आयोग घोषित करने की याचिका दायर की थी पर फैसला अदिति सिंह के हक में सुरक्षित रहा।
जहां भाजपा सरकार के दौर में महंगाई अपने चरम पर है और विवादित कृषि कानून बिल लाने से वापस लेने तक और फिर अब अदिति सिंह का भाजपा में शामिल होना उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहेगा।
पिछले हफ्ते प्रियंका गांधी के विवादित कृषि कानून बिल के बयान पर रायबरेली से विधायक अदिति सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रियंका गांधी को बिल लाए जाने पर भी समस्या थी और वापस लिए जाने पर भी समस्या है उन्हें स्पष्ट कर देना चाहिए कि वह कहना और करना क्या चाहती हैं वह सिर्फ राजनीतिकरण कर सकती हैं और उनके पास कोई बेहतरीन मुद्दा नहीं है।
विधायक अदिति सिंह को सत्ताधारी पार्टी बीजेपी में आने से उम्मीद होगी कि कांग्रेस का महिलाओं के सशक्तिकरण वाले बयान पर जो प्रियंका गांधी ने दिया था और वो एक जोगण मजबूत हो रहा था उसको पलटने में मदद मिलेगी जो आने वाले यूपी विधानसभा 2022 के चुनाव में स्पष्ट रूप से सामने आ जाएगा।